मौजूदा दौर में योगी सरकार उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में लगी है , और अन्य शहरों में दावा भी किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की तस्वीर भी बदल रही है । भारत देश में सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ का नाम भी सबसे अव्वल है । लेकिन क्या ये चर्चा यानी कि ये उत्तम प्रदेश और सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री का दावा , केवल जनता को लुभाने के लिए है या वास्तविकता भी कुछ है । क्योंकि आए दिनों कोई न कोई दुर्घटना घटती रहती है । पूरे प्रदेश की बात ना करके केवल लखनऊ की ही बात किया जाए तो भी रोज कोई न कोई घटना घटित होती है और सरकार तथा प्रशाशन के दावे झूठे पड़ जाते हैं।
एक घटना है 2 दिन पहले कि जो लखनऊ के जोन 7 में घटी है । घटना ऐसी है कि जोन 7 के सफाई इंस्पेक्टर सुनील वर्मा , यह नहीं पहचान पा रहे हैं कि कौन कूड़ो में से बिक सकने वाली चीज़ों को बिनकर तथा उन्हें बेचकर अपनी जीविका चला रहे हैं और किन लोगों को जिम्मेदारी दी गई है घरों से कूड़ा उठाने की ।
जोन 7 के शंकरपुरवा में एक विवादित जमीन पर पिछले 10- 15 सालों से कूड़ा फेंका जा रहा है ।
Jone 7 के सफाई इंस्पेक्टर सुनील वर्मा रविवार को सुबह 10:00 बजे शंकरपुरवा स्थित एक प्राइवेट विवादित जमीन, जिस पर नगर निगम का कूड़ा पिछले 10-15 सालों से फेंका जा रहा है , वहां पर कुछ कूड़ा बिनने वाले , 7- 8 ठेले वाले गरीब महिलाओं और पुरुषों की ठेलियों को जबरन नगर निगम की गाड़ी पर लादकर लेकर चले गए । कूड़ा बिनने वाली महिलाएं चिल्लाती रही कि भैया हमारी ठेलिया हमको वापस कर दो , लेकिन सफाई इंस्पेक्टर सुनील वर्मा पर किसी के भी रोने गिड़गिड़ाने का कोई असर नहीं हुआ । बल्कि सुनील वर्मा ने उल्टा उन्हें ही डांटते हुए कहा कि मेयर और नगर आयुक्त का आदेश है कि अगर कोई अवैध ठेला दिखे तो उसे उठा लो । लेकिन अब सवाल यह है कि कूड़ेदान से कूड़ा बिनने वाले वैध या अवैध की कैटेगरी में या नहीं ये कौन बताएगा या ये कौन निर्धारित करेगा ? क्योंकि हमारे पास जो वीडीओ है और वहां के आस पास के लोगों का कहना है कि जिनकी ठेलियों को सुनील वर्मा जबरदस्ती उठाकर ले गए हैं वो सब कूड़ा बिनने वाले हैं ना कि वैध टेंडर के माध्यम से कूड़ा उठाने वाले ।
और सुनने में यह भी आ रहा है कि सफाई इंस्पेक्टर कुछ लोगों से कह रहे हैं कि ये ठेलिया अब वापस नहीं होगी और इनको हम तुड़वा देंगे।
और ताज्जुब की बात तो यह है कि सफाई इंस्पेक्टर सुनील वर्मा जब किसी भी जोन में जाते हैं तो वो वहां के पार्षद को बिना कोई सूचना दिए ही जाते हैं और अपना रौब दिखाते हैं।
और हमें मिली खबरों के अनुसार सुनील वर्मा हमेशा से विवादों में ही घिरे रहते हैं,लेकिन एक अजीब जादू है इनके पास जिससे ये अपने सीनियर ऑफिसर्स को सम्मोहित करके रखते हैं जिसकी वजह से इनके ऊपर कोई कारवाई भी आज तक नहीं हो पाई ।
हालांकि ये जहां जहां भी ड्यूटी किए हैं, वहां वहां के पार्षदों और कर्मचारियों के साथ इनके रिश्ते हमेशा ही विवादित ही रहे हैं।
इन्हीं विवादों के चलते पिछले सदन की बैठक में बाकायदा मेयर द्वारा कहा गया था कि 24 घंटे के अंदर सुनील वर्मा को हटाया जाए लेकिन इस पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है । अब सवाल यह उठता है कि मेयर के द्वारा कहने के बाद भी कोई कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं हुई ? क्या सफाई इंस्पेक्टर सुनील वर्मा के लिंक या जुगाड या जान पहचान या अवैध पैसों का लेन देने इतना बड़ा है कि ये किसी भी कार्यवाही को रुकवा सकते हैं ? खैर इसका जवाब तो केवल सुनील वर्मा ही दे पाएंगे ।
और बात केवल एक या दो लोगों के द्वारा इनकी शिकायत की होती तो थोड़ा सोचने वाली बात भी होती लेकिन बार-बार कई क्षेत्रीय पार्षदों ने इनका काफी विरोध किया है उसके बावजूद भी इन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है… सूत्रों द्वारा पता चला है कि किसी इनके ऊपर के अधिकारी से सुनील वर्मा की मजबूरी के साथ सांठ गांठ है , जो कि वो अधिकारी अपने से उच्च अधिकारियों को गलत सूचना देता है सुनील वर्मा के बारे में , यानि कि असली कहानी छुपा दी जाती है और नकली कहानी बनकर बता दी जाती है ।
विगत नगर निगम के सदन की बैठक में सुनील वर्मा का काफी विरोध हुआ था ,जिस पर मेयर ने उनको 24 घंटे के अंदर हटाने की निर्देश भी दिए थे.
बात सुनील वर्मा के व्यवहार की करे तो , सुनील वर्मा इतने विवादित है कि ऐसा कोई भी एरिया नहीं बचा होगा जहां इनका विवाद न हुआ हो ।
जोन 7 में घटी घटना से पहले सुनील वर्मा की तैनाती j जोन 3 में थी । और जोन 3 में ठेली वालों से तथा कबाड़ी वालों से अवैध वसूली के कारण इनको हटा भी दिया गया था ।
इसके बाद ये jone 7 आ गए। तथा जोन 7 में फिर किसी भाजपा नेता से उलझने पर इनको फीस हटा दिया गया था । इसके बाद फिर यह अपने किसी अपर अधिकारी के माध्यम से यह फिर वापस जोन 7 में आ गए ।
और जोन 7 में वापस आने के बाद ये अपनी गुंडई लगातार दिखा रहे हैं । एक स्कूल के मैनेजर को भी धमकी दे रहे थे ये कि स्कूल बंद करवा दूंगा और जेल भेजवा दूंगा , अब आप समझिए कि स्कूल के बाहर जो थोड़ा बहुत कूड़ा फैला था । उसी कूड़े को मैनेजर ने सफाई कर्मचारियों से उठवाकर पास में खाली पड़े जगह पर डलवा दिया था । बस इतनी सी बात पर सुनील वर्मा स्कूल बंद कराने की धमकी दे डाले ।
अब सवाल यह है कि सफाई इंस्पेक्टर सुनील वर्मा को किसका संरक्षण प्राप्त है जो ये इस तरह से खुलेआम गुंडई कर रहे हैं? कौन है जो इन्हें इतनी छूट दे रहा है और इनके किए गए सभी गलत कामों पर पर्दा डाल रहा है ?
मेयर के आदेशों की अवहेलना हो जा रही है ? पार्षदों की बातों को सुना नहीं जा रहा है ? और इनकी गुंडई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ।
फिर भी शासन और प्रशासन मौन है ।
योगी आदित्यनाथ कहते नहीं थकते हैं कि राम राज्य है पर उन्हीं के कार्यालय से 6 km की दूरी पर इस तरह का दुर्व्यवहार हो रहा है , गलत काम हो रहा है और बार बार शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई तक नहीं हो रही है ।