वन नेशन-वन इलेक्शन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा जब बीच मे किसी राज्य की सरकार गिरवाएगी तो क्या पूरे देश के चुनाव फिर से होंगे ?
सोशल मीडिया एक्स पर बुधवार को सपा प्रमुख ने कहा कि जनता का सुझाव है कि भाजपा सबसे पहले अपनी पार्टी के अंदर जिले-नगर, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के चुनावों को एक साथ करके दिखाए फिर पूरे देश की बात करे। कहा कि, जनता यह भी पूछ रही है कि आपके अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब तक क्यों नहीं हो पा रहा है, जबकि सुना तो ये है कि वहाँ तो ‘वन पर्सन, वन ओपिनियन’ ही चलती है।
उन्होंने सवाल किया कि अगर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ सिद्धांत के रूप में है तो स्पष्ट करें कि प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक सभी गांव, टाउन, नगर निकायों के चुनाव भी साथ ही होंगे या फिर आप अपने फायदे के लिए कह दीजिए कि त्योहारों और मौसम के बहाने सरकार की हार- जीत की व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सुविधानुसार होंगे।
तो वहीं बसपा सुप्रीमों मायावती ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बयान दिया है ।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि ‘एक देश-एक चुनाव’ , केंद्र सरकार का फैसला सही है, पर इसका उद्देश्य जनहित में होना जरूरी है। सोशल मीडिया ‘एक्स’ के जरिये उन्होंने कहा कि लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी पर बसपा का स्टैंड सकरात्मक है। इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बुल्डोजर विध्वंस कार्रवाई कानून के राज का प्रतीक नहीं है। इसके बाद भी इसके प्रयोग की बढ़ती प्रवृत्ति चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि जब किसी मामले में आम जनता सहमत नहीं होती, तो केंद्र को आगे बढ़कर पूरे देश के लिए एक समान गाइडलाइन बनाना चाहिए।
फिलहाल वन नेशन वन इलेक्शन पॉलिसी को कैबिनेट सरकार की मंजूरी मिल चुकी है । अब देखना यह है कि आगे क्या होगा इस पॉलिसी पर ।