केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि जब तक केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है तब तक कोई भी ताकत जम्मू क्षेत्र में 90 के दशक की तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित नहीं कर सकती । अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार आतंकवाद को इस हद तक खत्म कर देगी , कि वह फिर से कभी नहीं पनप सके।
अमित शाह ने किश्तवाड़ा क्षेत्र के पद्दार नागसेनी विधानसभा क्षेत्र में ,एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, राष्ट्र विरोधी और शांति विरोधी तत्व जम्मू क्षेत्र में 90 के दशक जैसा माहौल वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।
मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम आतंकवाद को जमीन से कई फुट नीचे धकेल देंगे , ताकि वह फिर से न पनपे। 6 सितंबर के बाद से अपने दूसरे दौरे पर जम्मू पहुंचे अमित शाह ने कहा कि, ग्राम रक्षा गॉर्ड और विशेष पुलिस अधिकारियों को नवीनतम हथियारों और शक्तियों से लैस किया गया है । उन्होंने कहा , यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ,शांति भंग करने के लिए यहां आने वाले घुसपैठियों को, पहाड़ों में ही दफनाया जाए ,और उन्हें अंदरूनी इलाकों में प्रवेश न करने दिया जाए । किसी को भी आतंकवाद के लिए भारतीय धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी ।
गृहमंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 के लिए कोई जगह नहीं है । उन्होंने कहा यह अनुच्छेद भारत के इतिहास का पुराना अध्याय बन चुका है अब । अमित शाह ने आगे कहा कि मैं नेशनल कांफ्रेंस पार्टी और कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं कि आप अनुच्छेद 370 को कैसे वापस ला सकते हैं । अमित शाह ने आगे कहा कि
मैं आज आप सबके सामने स्पष्ट कर दे रहा हुं कि भारत में वापस न तो आतंकवाद आएगा और न ही धारा 370 वापस आयेगी ।
अमित शाह ने नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के प्रमुख डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला पर , तीखा हमला करते हुए कहा कि ,जब किश्तवाड़ में खून खराबा अपने चरम पर था तब वह कहां थे । अमित शाह ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा , अगर वह यहां आए तो आप उनसे पूछिएगा कि वह कहां थे ,और वह आपको नहीं बताएंगे कि वह कहां थे , लेकिन मुझे पता है कि वह उस समय कहां थे । वह लंदन के समुद्र तट पर मौज मस्ती कर रहे थे ।
अमित शाह ने आगे कहा कि नेशनल कांफ्रेंस पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने हमेशा से ही जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के लिए आधार तैयार किया है । उन्होंने कहा इन पार्टियों ने महाराजा हरि सिंह को भी जम्मू कश्मीर से खदेड़ दिया और बाद में केवल उनका पार्थिव शरीर ही, जम्मू कश्मीर वापस लौट सका । ये पार्टियां 1990 में कश्मीरी पंडितों के सामूहिक पलायन के लिए भी जिम्मेदार हैं ,लेकिन अब आपको तय करना होगा कि आप विधानसभा चुनाव में इन पार्टियों का सपोर्ट करके फिर से आतंकवाद को लाने की कोशिश करेंगे या आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए भाजपा को वोट देंगे