नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरओ) ने नौसेना के साथ लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेज सरफेस टू एयर मिसाइल (वीएलएसआरएसएएम) का सफल उयन परीक्षण किया। दोनों परीक्षणों में मिसाइल ने समुद्र से आने वाले हवाई खतरे को नकल करते हुए उच्च गति वाले कम ऊंचाई वाले हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक रोका। ओडिशा तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से दागी
गई इस मिसाइल को फिलहाल कोई नाम नहीं दिया गया है लेकिन इसे बराक-1 की जगह जंगी जहाजों में लगाए जाने की योजना है। भारतीय नौसेना ने परीक्षण के दौरान कम ऊंचाई पर उड़ रहे टारगेट को सतह से हवा में मार करने वाली ताकतवर गाइडेड मिसाइल से मार गिराया। कम ऊंबाई पर उड़ने वाले टारगेट का मतलब राडार को चकमा
देकर आ रहा दुश्मन का विमान न मिसाइल या हेलीकॉप्टर होता है। यानी भारत को अब दुत्मन इस तरीके से भी चकमा नहीं दे सकता, रनों भारतीय की यह मिसाइल दुश्मन की धज्जियां उड़ देसी। यहा मिसाइल 154 किलोग्राम वजनी है। इसे डीआरडीओ और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएन) ने 12.6 फीट लंबी है। इसका व्यास 7.0 मिलकर बनाया है। यह मिसाइल करीब इंच है। दोआरओ के अनुसार इसमें हाई-एक्सप्लोसिव प्री-प्रेनमेंटेड वॉरहेड लगाया जाता है। बीएल एसआरएसएएम मिसाइल को रेज 25 से 30 किलोमीटर है। यह अधिकतम 12 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है। इसकी गति बराक-1 से देोगुनी है। यह मैक 4.5 यानी 5556.6