यूपी की राजनीति स्थिति दिन प्रतिदिन बदलती ही जा रही है । किसी भी घटने वाली घटना को अब जातीयता या धार्मिकता से जोड़ कर देखा जा रहा है ।
हाल ही में यूपी में हुए मंगेश यादव एनकाउंटर ने यूपी की राजनीति के माहौल को और गर्म कर दिया है ।
अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए , बिना मुख्यमंत्री का नाम लिए ही मीडिया से बात चीत के दौरान तंज कसते हुए बोलें कि ” मठाधीश और माफिया मे बहुत ज्यादा फर्क नहीं होता ” ।
अखिलेश यादव के इस बयान के बाद सियासत के गलियारे फिर गर्म होते दिखाई दे रहे हैं।
हालांकि अखिलेश यादव ने अपने बयान में आगे कहा कि यूपी में सबसे ज्यादा एनकाउंटर पीडीए परिवार यानी कि इंडिया गठबंधन के दलों के समर्थकों का हो रहा है ।
अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम पक्षपातपूर्ण राजनीति कर रहे हैं। गोमती नगर में हुए बारिश कांड में 16 लोगों की सूची का नाम होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री जी ने केवल यादव और मुसलमान का ही नाम लिया और ये कहीं ना कहीं सीएम के कुंठित मानसिकता को प्रदर्शित करता है ।
बिना किसी जांच और बिना आरोप साबित हुए ही एनकाउंटर करवा देना , बुल्डोजर चलवा देना , ये सीएम की निजी इच्छा को दर्शाता है । यूपी में कानून व्यवस्था को मजाक बना कर रख दिया बीजेपी सरकार ने ।
इसीलिए मै कह रहा हूं की मठाधीश और माफिया मे बहुत अंतर नहीं है ।