संगम नगरी प्रयागराज में हुई सनसनीखेज वारदात में एक युवक ने अपनी दो मासूम बेटियों की चाकुओं से गोदकर हत्या किए जाने के बाद फांसी का फंदा लगाकर खुद अपनी भी जान दे दी. एक साथ तीन मौतों से कोहराम मचा हुआ है. दिल दहला देने वाली यह वारदात धूमनगंज थाना क्षेत्र के रम्मन का पुरवा इलाके में दोपहर के वक्त हुई. घरों में पेंटिंग का काम करने वाले युवक ने यह कदम क्यों उठाया, फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.
प्रयागराज शहर के धूमनगंज थाना क्षेत्र के रम्मन का पूरा इलाके में तीस साल का मनीष प्रजापति अपनी पत्नी, पांच साल की बेटी नैंसी और तीन साल की खुशबू के साथ रहता था. वह पेंटिंग यानी घरों में पुताई का काम करता था. मनीष उर्फ लल्ला आज भी सुबह अपने काम पर निकल गया. दोपहर को उसने पत्नी को फोन किया तो उसने बाजार में होने की बात कही. इस बीच मनीष घर पहुंचा और उसने चाकुओं के ताबड़तोड़ हमले से दोनों बेटियों को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद उसने फांसी का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली.
दोपहर के वक्त जब दूध वाला घर पहुंचा तो उसने खिड़की से दोनों बेटियों के खून सने शव देखे. चीख पुकार मची तो पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गए. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा तो घर में एक साथ तीन लाशें पड़ी हुईं थी. कमरे में काफी खून फैला हुआ था और एक चाकू भी पड़ा हुआ था. पुलिस के बड़े अधिकारी भी फील्ड यूनिट, फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड के साथ मौके पर पहुंचे. मौके से कोई नोट नहीं मिला हुआ है. मनीष प्रजापति की पत्नी पूरा परिवार बिखरने के बाद से बदहवास है और कुछ भी बोल सकने की हालत में नहीं है.
मनीष प्रजापति ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, फिलहाल इस बारे में कुछ भी साफ़ नहीं हो रहा है. आशंका जताई जा रही है कि आर्थिक तंगी या फिर पारिवारिक कलह के चलते इस वारदात को अंजाम दिया गया. बहरहाल एक साथ तीन मौतों से इलाके में कोहराम मचा हुआ है. पुलिस कई एंगल से मामले की छानबीन कर रही है. पुलिस परिवार के मोबाइल फोंस के काल डिटेल्स के जरिये भी राज तलाशने में लगी हुई है. मौके पर पहुंचे एडिशनल कमिश्नर एन कोलांची और डीसीपी सिटी दीपक भूकर के मुताबिक शवों को पोस्टमार्टम के लिए मॉर्च्युरी भेज दिया गया है. इसके अलावा परिवार वालों के बयान के आधार पर आगे कार्यवाही की जाएगी.
प्रयागराज में पिता ने अपनी दो मासूम बेटियों की हत्या के बाद उसी कमरे में खुद फांसी लगाकर जान दे दी। बड़ी बेटी पांच साल की, तो छोटी बेटी तीन साल की थी। जो पिता दोनों बेटियों से इतना प्यार-दुलार करता था, वही उन मासूमों का हत्यारा कैसे बन गया? ऐसा क्या हुआ कि दोनों को चाकू से गोद दिया और खुद जान दे दी।