भगवान विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। वह ऋद्धि-सिद्धि के जनक हैं। विश्वकर्मा के गुणों को अपने जीवन में धारण करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नव्य, भव्य व दिव्य भारत का शिल्पकार कहा जाय तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस बार नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितम्बर के दिन ही शिल्प कलाधिपति- विश्वकर्मा की जयंती है। विश्वकर्मा जयंती को उत्पादन वृद्धि और समृद्धि के लिए एक संकल्प दिवस के रूप में समाज मनाता है। मोदी के नेतृत्व में भारत निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। राजनीति में मोदी जैसे व्यक्तित्व बिरले ही होते हैं ,क्योंकि उनके व्यवहार और कृतित्व में अंतर नहीं है। यही कारण है कि उनकी लोकप्रियता भारत ही नहीं विश्व में दिनोंदिन बढ़ रही है। मोदी के समय में ही भाजपा विश्व की सबसे पार्टी बनी। लगातार तीसरी बार उनके नेतृत्व में केन्द्र में सरकार बनना उनकी लोकप्रियता का सबसे बडा प्रमाण है। यही कारण है कि इस दौर में उनके समकक्ष भारत क्या दुनिया में कोई राजनेता खड़ा दिखाई नहीं देता है। मोदी ने देश से मुस्लिम तुष्टीकरण और वंशवादी राजनीति को खत्म करने का कार्य किया है। वे स्वच्छता, सेवा व सामाजिक समरसता के
अग्रदूत हैं। उन्होंने स्वच्छता को जन आन्दोलन बनाने का काम किया। स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से घर-घर शौचालय का निर्माण व गरीबों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएं शुरू की हैं। आजादी के बाद किसी सरकार ने कारीगरों की सुध नहीं ली थी। कारीगरों की कला को सम्मान दिलाने और उनके उत्थान के लिए मोदी ने विश्वकर्मा योजना प्रारम्भ की।
राजनीति में प्रायः फिसलन का खतरा अधिक रहता है। इसलिए नेताओं में प्रायः संस्कारों में गिरावट एवं व्यक्तिगत दुर्बलताओं को प्रोत्साहन अधिक मिलता है , किन्तु मोदी के जीवन में देखेंगे तो हिन्दू आदर्शों और संस्कृति के प्रति वह अटूट श्रद्धा व सम्मान का भाव रखते हैं। हिन्दू समाज को जिस भव्य दिव्य राममंदिर की शताब्दियों से प्रतीक्षा थी उस स्थल पर आज भव्य मंदिर का निर्माण पूर्णता की ओर है। अबूधाबी में नरेन्द्र मोदी के हाथों हिन्दू मंदिर का उद्घाटन भारत के सामर्थ्य का परिचायक है।
नरेन्द्र मोदी विश्व में हिन्दुत्व की विजय पताका को फहराने का काम कर रहे हैं। भारतीय इतिहास, दर्शन, समाजनीति, अर्थनीति, राजनीति. व संगठन शास्त्र पर उनकी अच्छी पकड़ है। संघ का स्वयंसेवक और प्रचारक कैसा होता है, लोग नरेन्द्र मोदी का आचरण देखकर सहज अनुमान लगा सकते हैं। राजनीति में कद व पद के साथ-साथ प्रचार का भी बड़ा महत्व होता है , किन्तु यदि प्रचार नेताओं के जीवन व आचरण से मेल नहीं खाता तो इससे लाभ के बजाय हानि होने की संभावना अधिक रहती है। नरेन्द्र मोदी अपनी राजनैतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उनकी कथनी व करनी में कोई भेद नहीं है। कार्य के प्रति निष्ठा और परिश्रम की पराकाष्ठा के साथ- साथ चुनौतियों को अवसर के रूप में लेना उनकी फितरत है। यही कारण रहा कि विपक्ष ने जब भी उनके ऊपर कोई आरोप लगाया उन्होंने उसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। मोदी ने विश्व में भारत की साख बढ़ायी है। बहुत से ऐसे देशों में भी वह गये जहां अभी तक भारत का कोई प्रधानमंत्री गया ही नहीं था। उन देशों में जाकर मोदी भारत के संबंधों को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। इस समय पूरी दुनिया की निगाहें भारत की ओर हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका ने कहा कि भारत चाहे तो युद्ध रुक सकता है। अमेरिका ने ऐसे ही नहीं कहा है। भारत शांति वार्ता की मध्यस्थता करे, यह रूस व यूक्रेन दोनों देश चाहते हैं। भारत की यह साख व विश्व के अन्य देशों का विश्वास जीतने का काम मोदी ने किया है। पहले कश्मीर में सरेआम तिरंगा जलाया जाता था और सैनिकों पर पत्थरबाजी होती थी। आज कश्मीर में तिरंगा लहराया जा रहा है। तीन तलाक, एनआरसी और जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर केन्द्र शासित प्रदेश बनाना आसान काम नहीं था।
आज पूरा देश जब पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी समारोह के माध्यम से उनके किये गये कार्यों का पुण्यस्मरण कर रहा है तो नरेन्द्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, विन्ध्याचल कारिडोर, चारधाम परियोजना के साथ-साथ देश के अनेक तीर्थस्थलों का जीर्णोमंदिर का उद्धार कर सांस्कृतिक उत्थान कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जिस एकात्म मानववाद की बात की थी उस परिकल्पना को साकार करने का काम मोदी कर रहे हैं। उज्जवला गैस योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय योजना, अन्त्योदय अन्न योजना और किसान सम्मान निधि जैसे तमाम सरकारी योजनाओं के माध्यम से नरेन्द्र मोदी ने समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के जीवन स्तर को उठाने का काम किया है। आज मोदी जी का जन्मदिन है और उनके जन्मदिन पर ये छोटी सी कहानी ,जिससे मोदी जी के बारे में जानने में सहूलियत मिलेगी ।