जुलूसे मुहम्मदी के दौरान शांति समिति की बैठक में सर्वसम्मति के समझौते के बावजूद अराजक तत्वों ने न केवल विवादित व देश विरोधी नारेबाजी की बल्कि आरोपियों को पुलिस की पकड़ से छुड़ाने का काम भी हुआ। जुलूस में शामिल धर्मगुरु राजनेता व संभ्रांत जनों ने भी विवादित नारे लगाने वालों को भी रोकने की जहमत नहीं उठाई। गोंडा मोड़ तिराहे से रामप्रकाश ज्वैलर्स की दुकान तक अराजक तत्वों ने सर तन से जुदा फिलिस्तीन व पाकिस्तान के समर्थन के नारे लगाए। विवादित नारा लगाने वाले एक आरोपी को प्रभारी निरीक्षक ने हनुमान गढ़ी के पास पकड़ा तो कुछ लोगों ने उसे छुड़ा कर भीड़ में भेज दिया। हिंदुस्तान में रहना है तो…. की नारेबाजी का आलम यह था कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे पर अपर पुलिस अधीक्षक एसडीएम सीओ व प्रभारी निरीक्षक के सामने ही विवादित नारे लगे। हालांकि इस नारेबाजी के बाद पुलिस हरकत में आई और अराजक तत्वों को खदेड़ दिया। शांति समिति के समझौते का उल्लंघन और विवादित नारों से आक्रोशित स्थानीय हिंदू संगठनों व प्रतिमा पांडालों के आयोजकों ने प्रभारी निरीक्षक को ज्ञापन देकर अराजक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग का प्रार्थना पत्र दिया है। मामले को वायरल होता देख एसपी विकास कुमार ने जुलूस समाप्त होने का बाद कोतवाली पहुंचकर प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।